अगरवुड एक सुगंधित लकड़ी है जो Aquilaria प्रजाति के पेड़ों से प्राप्त होती है। इसका उपयोग धूप, इत्र और पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता है।
यह प्राकृतिक रूप से तब बनता है जब पेड़ विशेष प्रकार के फफूंद/इंफेक्शन से ग्रसित होकर राल (resin) बनाते हैं जो सुगंध उत्पन्न करता है।
मुख्य प्रजातियाँ: Aquilaria malaccensis व अन्य Aquilaria spp.
दक्षिण-पूर्व एशिया: भारत, म्यांमार, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस।
उष्णकटिबंधीय / उपोष्णकटिबंधीय; रेतिल/हल्की मिट्टी बेहतर।
प्राकृतिक संक्रमण की कमी के कारण अगरवुड का निर्माण कम होता है। पेड़ पर फफूंद/बैक्टीरिया आदि के कारण राल बनता है, जो लकड़ी को सुगन्धित बनाता है।
कृषि में कृत्रिम प्रेरण (artificial inoculation) अपनाई जाती है — भौतिक, रासायनिक और जैविक विधियाँ ताकि राल और सुगंध का उत्पादन सुनिश्चित हो सके।
अत्यधिक कटाई के कारण कई प्रजातियाँ लुप्तप्राय हैं — कई देशों में व्यापार नियंत्रित है और टिकाऊ खेती पर शोध चल रहा है।
Scientific: Aquilaria spp.
Habitat: Tropical humid regions
Threat: Overharvested / Endangered
अगरवुड दुनिया की सबसे महंगी लकड़ियों में से एक है। इसकी राल (agar oil) की कीमत बहुत अधिक होती है। कई संस्कृतियों में इसे पवित्र माना जाता है।
Aquilaria spp. का प्राकृतिक पेड़
सुगंधित resin जो पेड़ से प्राप्त होता है
धूप और इत्र निर्माण में उपयोग
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